Tuesday, September 19, 2017
Subscribe to:
Posts (Atom)
शापित
माँ का घर , यानी कि मायका! मायके जाने की खुशी ही अलग होती है। अपने परिवार के साथ-साथ बचपन के दोस्तों के साथ मिलन...

-
रानी दी बहुत दिनों बाद मै अपने मायके (गाँव) जा रही थी | बहुत खुश थी मै कि मै अपनी रानी दी से मिलूँगी (रानी ...
-
भोर हुयी दिनकर उठे, खिले कुसुम हर ओर| फूटी आशा की किरण, नाचा मन का मोर || मन का स्वामी चन्द्रमा, भौंराए नित गोल| क्यों ना...
-
वसू हूँ मैं मेरे ही अन्दर से तो फूटे हैं श्रृष्टि के अंकुर आँचल की ममता दे सींचा अपने आप में जकड़ कर रक्खा ताक...