१-
जब भी ये सावन आता है
पिया की याद दे जाता है
जब से गये परदेश पिया
बैरी मधुमास न भाता है ||
२-
कोमल दिल मुझसा पाओगे फिर कहाँ
जख्मों पर नमक छिड़क, जाओगे फिर कहाँ
जिंदा हूँ साँसों की गिनती खत्म होने तक
सुलग कर राख हो जाऊँगी जलाओगे फिर कहाँ ||
मीना पाठक
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